
श्रेयांश पराशर |
गुरुवार शाम को पाकिस्तान से सटे चार राज्यों—राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर—में मॉक ड्रिल की जाएगी। इस दौरान सायरन बजेंगे और ब्लैकआउट एक्सरसाइज की जाएगी ताकि आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी परख सकें। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े तनाव को देखते हुए यह कवायद हो रही है। पंजाब में यह ड्रिल 3 जून को होगी।
भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे राज्यों में गुरुवार को सुरक्षा को लेकर बड़ी मॉक ड्रिल की जाएगी। जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात में शाम को सायरन बजेंगे और कुछ समय के लिए बिजली गुल की जाएगी। इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों और प्रशासन की तत्परता की जांच करना है। इस ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट एक्सरसाइज भी होगी जिसमें एक तय समय के लिए इलाके की सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी। इससे दुश्मन को लोकेशन टारगेट करने में मुश्किल होती है। लोगों को इस दौरान सतर्क और सहयोगी रहने की सलाह दी गई है।
7 मई को देश के 244 सिविल डिफेंस जिलों में भी ऐसा ही मॉक अभ्यास किया गया था, जहां नागरिकों को आपात स्थिति में कैसे सुरक्षित रहना है, इसकी ट्रेनिंग दी गई थी। उस दिन 25 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 12 मिनट का ब्लैकआउट भी किया गया था।
यह कवायद ऐसे समय पर हो रही है जब 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने PoK और पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया था। इसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए थे। गृह मंत्रालय ने देश के 259 सिविल डिफेंस जिलों को संवेदनशीलता के आधार पर तीन कैटेगरी में बांटा है। कैटेगरी-1 में 13 जिले हैं, जिनमें बुलंदशहर का नरौरा न्यूक्लियर प्लांट भी शामिल है। इससे पता चलता है कि देश किस हद तक तैयारियों को लेकर गंभीर है।